व्यावसायिक शिक्षा अनुभाग

भारत के संविधान के अन्तर्गत व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण एक सहयोगी विषय है। देश में व्यावसायिक शिक्षा प्रणाली को भली भांति लागू करने का दायित्व राज्य एवं केन्द्र सरकारें एक साथ निभाती हैं। राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार, व्यावसायिक शिक्षा प्रोग्राम का उत्तरदायित्व उठाता है। भारत के पास 2020 तक 500 मिलियन कुशल कारीगर तैयार करने का लक्ष्य है। इस प्रकार कुशलता विकास प्रोग्रामों की क्षमता एवं सामर्थ्य को बढ़ाने की आवश्यकता है। राष्ट्रीय उर्दू विकास परिषद् (NCPUL) उर्दू माध्यम द्वारा विद्यार्थियों की पसन्द एवं आवश्यकताओं के अनुरूप् हुनर पर आधारित पाठयक्रम तेजी़ से विकसित करने में लगा है। आज़माइशी तौर पर एनसीपीयूएल ने पूरे जम्मू एवं कश्मीर क्षेत्र में व्यावसायिक शिक्षा के प्रसार हेतु युनिवर्सिटी आफ़ कश्मीर, डायरेक्टोरेट आफ़ लाइफ लांग लर्निंग के साथ एक MoU पर हस्ताक्षर किये हैं। प्रारम्भिक तौर पर युनिवर्सिटी के साथ साझा तौर पर छः महीने का पेपर मैशी का सर्टिफ़िकेट कोर्स शुरू किया गया है जिसके उद्देश्य निम्नलिखित हैं - (अ) उर्दू भाषा की सहायता से रोज़गार के अवसर पैदा करना। (ब) आर्ट एवं दस्तकारी की सहायता से उर्दू भाषा का विकास एवं प्रचार प्रसार। (स) पेपर-मैशी क्राफ्ट एवं उत्पादकता तकनीक में तेज़ी से बदलाव से तालमेल बनाये रखने हेतु विद्यार्थियों की व्यवासायिक एवं तकनीकी विशेषज्ञता को बेहतर बनाने तथा उनको उर्दू माध्यम द्वारा उत्तम शिक्षा एवं प्रशिक्षण उपलब्ध कराना। एनसीपीयूएल की उपरोक्त स्कीम अनोखी है एवं जन मानस में बहुत जल्दी लोकप्रिय हो जाती है। असंगठित सेक्टर/पारंपरिक कला होने के कारण इस क्षेत्र में कोई औपचारिक या विकसित प्रशिक्षण की सुविधा उपलब्ध नहीं है। इस स्कीम की न केवल विभिन्न सरकारी विभागों द्वारा वाहवाही एवं प्रशंसा की गई परन्तु दस्तकारी विभाग, जम्मू व कश्मीर सरकार, डायरेक्टोरेट आफ़ कन्ज़्यूमर्स अफयेर्स, गवर्मेंन्ट आफ़ जम्मू एण्ड कश्मीर एवं इन्डियन युनिवर्सिटीज़ फार कान्टीन्युइंग एज्यूकेशन आदि द्वारा इस स्कीम को अधिकाधिक मात्रा में अपनाने एवं बार बार अपनाने के बारे में दलील भी दी गयी। उपरोक्त स्कीम न केवल उर्दू भाषा का विकास एवं प्रचार प्रसार कर रही है अपितु देश में कुशल कामगारों को भी तैयार कर रही है एवं भारत सरकार के हुनरमन्द कामगारों के तैयार करने के मिशन को आगे बढ़ाने में प्रयासरत है।
अब, एनसीपीयूएल ने वर्ष 2000 से पाठ्यक्रम चलाने के लिए सीडीआई, श्रीनगर के साथ एक समझौता किया है। पहला बैच अक्टूबर, 2021 से शुरू होने जा रहा है।

पेपर मेशी सर्टिफिकेट कोर्स