कैलीग्राफी एवं ग्राफिक डिजाइनिंग में डिप्लोमा

समकालीन विश्व कला में सुलेखन की सुंदर कला को सुरक्षित रखने एवं विकसित करने हेतु राष्ट्रीय उर्दू परिषद् ने सुलेख एवं ग्राफ़िक डिज़ाइनिंग प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित किये हैं। इन केन्द्रों में शिक्षा को श्रेष्ठता प्रदान करने एवं ग्राफ़िक डिज़ाइनिंग और ऐपलाईड आर्ट्स को विस्त्रता प्रदान करने हेतु परिषद् ने ‘‘डिप्लोमा इन कैलीग्राफ़ी (सुलेख) ऐन्ड ग्राफ़िक डिज़ाइनिंग‘‘ के द्वि वर्षीय डिप्लोमा कोर्स को आरम्भ किया है।

14 राज्यों में 65 कैलीग्राफ़ी एवं ग्राफ़िक डिजाइन केंद्र चल रहे हैं जिनमें 3200 विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है। इनमें 1800 लड़कियां हैं।

कोर्स की अवधि

इस कोर्स की अवधि दो वर्ष की है। हर वर्ष प्रवेश लेना होगा। दो सत्र अर्थात् प्रथम वर्ष एवं द्वितीय वर्ष के प्रतिदिन दो बैच होंगे। प्रथम बैच की क्लास प्रातः 9 बजे से दोपहर एक बजे तक जबकि द्वितीय बैच की क्लास दोपहर 2 बजे से सांय 5 बजे तक होगी

विद्यार्थी हेतु योग्यताः

  1. प्रवेश के समय आयु सीमा 15 से 35 वर्ष है। मौक़े पर कुछ मामलों में छूट दी जा सकती है।
  2. सुलेख एवं ग्राफ़िक डिज़ाइनिंग का प्रशिक्षिण प्राप्त करने वालों की न्युनतम शैक्षिक योग्यता 10वीं पास या उस के समकक्ष होनी चाहिये। सेलेक्शन कमेटी न्युनतम योग्यता में छूट दे सकती है अगर प्रार्थी अन्यथा उप्युक्त पाया जाये। चयन:
  3. चयन हेतु उर्दू भाषा एवं साहित्य के ज्ञान की जांच एक लिखित एवं मौखिक टेस्ट/परीक्षा द्वारा की जानी चाहिये।
  4. एक सेलेक्शन कमेटी प्रवेश की प्रक्रिया को नियंत्रित करेगी, जिसमें निम्नलिखित व्यक्ति सम्मिलित होंगेः (अ) संस्था/अकैडमी का अध्यक्ष- अगर वह चाहे तो सेक्रेटरी/उपाध्यक्ष/अकैडमी या संस्था के सदस्य को सम्मिलित कर सकता है। (ब) एक्सटर्नल विशेषज्ञ (ज) प्रधान कैलीग्राफ़र/ग्राफ़िक डिज़ाइन प्रशिक्षक। (द) राष्ट्रीय परिषद् का एक प्रतिनिधि।

परीक्षाः

  1. केंद्र पूरे वर्ष में एक बार परीक्षा करायेगा। प्रारंभिक परीक्षा प्रथम बारह महीने पूरे होने के पश्चात एवं फ़ाइनल दूसरे 12 महीने के पश्चात। दोनों वर्ष निर्धारित पाठ्यक्रम से थ्योरी एवं प्रैक्टिकल की परीक्षा ली जायेंगी, जो कि केंद्र के कर्मचारीयों की निगरानी एवं राष्ट्रीय परिषद् के प्रतिनिधि की उपस्थिति में करायी जायेंगी। फ़ाइनल परीक्षा हेतु प्रश्नपत्र राष्ट्रीय उर्दू परिषद् द्वारा तैयार किये जायेंगे एवं फ़ाइनल परीक्षा की कापियों की जांच भी राष्ट्रीय उर्दू परिषद् द्वारा की जायेगी। 40 प्रतिशत या उससे अधिक नम्बर प्राप्त करने वालों को सफल घोषित कर दिया जायेगा। राष्ट्रीय उर्दू परिषद् द्वारा सर्टिफ़िकेट जारी किया जाएगा।
  2. परीक्षा में प्राप्त अंकों का सिद्धांत 70 प्रतिशत एवं उससे अधिक-डिस्टिंकशन 60 प्रतिशत से 69 प्रतिशत तक-प्रथम 50 प्रतिशत से 59 प्रतिशत-द्वितीय 40 प्रतिशत से 49 प्रतिशत-तृतीय
  3. जो विद्यार्थी 40 प्रतिशत से कम अंक लायेंगे उन्हें फ़ेल कर दिया जायेगा एवं पास होने हेतु उन्हें दोबारा परीक्षा देनी होगी।
सुलेख और ग्राफिक डिजाइन प्रशिक्षण केंद्र