पुस्तक प्रचार अनुभाग

परिषद् के पुस्तक प्रमोशन सेक्शन का यह दायित्व है कि वह पुस्तकों की बिक्री एवं पुस्तक मेलों में सम्मिलित हो कर राष्ट्रीय उर्दू भाषा विकास परिषद् की पुस्तकों का प्रमोशन करें। उत्पादन विभाग द्वारा प्रकाशित पुस्तकें सीधे तौर पर प्रेस से बण्डलों में प्राप्त की जाती हैं। ये क्रमानुसार गिनती करके स्टील के रैकों में रख दी जाती हैं। आवश्यक्तानुसार पुस्तकों को बिक्री काउन्टरों पर भेजा जाता है। एजेन्टों/उपभोगताओं को ये पुस्तकें ट्रांसपोर्ट/डाक द्वारा भेजी जाती हैं। स्टाक-रजिस्टर एवं कम्प्युटर में पुस्तकों के स्टाक का लेखा-जोखा रखा जाता है। वार्षिक स्टाक टेकिंग वर्ष में एक बार की जाती है एवं जो पुस्तकें बिक्री लायक नहीं रहती उन्हें छांट कर अलग कर दिया जाता है। किसी भी व्यक्ति को राष्ट्रीय उर्दू परिषद् के आफिस काउन्टर से पुस्तकें बेची जाती हैं। ख़रीदारी करने वाले हर व्यक्ति को रसीद दी जाती है और स्टक-राजिस्टर को अपडेट किया जाता है। एजेन्टों के अनुरोध पर एजेंटों की नियुक्ति की जाती है। एजेन्टों को राष्ट्रीय उर्दू परिषद् की सभी अपेक्षओं एवं शर्तों पर खरा उतरना और उनको पूरा करना होता है। इसमें मूल्य पालिसी से सम्बन्धित सहमति-पत्र एवं सादा चेक की एक कापी जमा करना शामिल है।

एजेंट के तौर पर नियुक्ति हेतु आवेदन पत्रों की पी.पी.ओ. के द्वारा स्वीकृति हेतु समालोचना की जाती है एवं एजेंट और राष्ट्रीय उर्दू परिषद् के बीच सहमति पत्र पर हस्ताक्षर हो जाते हैं। एजेंट को उनके अनुरोध पर पुस्तकें भेज दी जाती हैं एवं स्टॉक रजिस्टर में उनका इंद्राज कर दिया जाता है। पुस्तकों के प्रमोशन हेतु राष्ट्रीय उर्दू विकास परिषद् की अपनी स्वयं की मोबाइल वैन है। पूरे वर्ष का मोबाइल वैन के टूर का प्लान बनाया जाता है। जब टूर का प्लान अंतिम चरण तक तैयार हो जाता है तब इसकी सूचना सभी स्थानीय एनजीओज़ को भेज दी जाती है जो राष्ट्रीय उर्दू परिषद् के साथ कार्य करते हैं एवं स्थानीय समाज समाचार पत्रों में विज्ञापन भी दिया जाता है। व्यक्ति विशेष, मोबाइल वैन से पुस्तकें खरीदते हैं एवं उनके लिए रसीद भी प्राप्त करते हैं तथा इनका इंद्राज भी स्टॉक रजिस्टर में किया जाता है। राष्ट्रीय उर्दू परिषद् भारत के विभिन्न उर्दू भाषी क्षेत्रों में आयोजित पुस्तक प्रदर्शनियों में भी भागीदारी करती है। यहां भी पुस्तकों की बिक्री उचित रसीद दे कर की जाती है एवं इसका इंद्राज भी स्टॉक रजिस्टर में किया जाता है। राष्ट्रीय उर्दू परिषद् भी मुख्यतः उर्दू पुस्तकों की बिक्री हेतु पुस्तक मेलों का आयोजन करती है। मेले का आयोजन वर्ष में एक बार उर्दू भाषी क्षेत्रों में किया जाता है। मेले का आयोजन किस शहर में हो इस का चुनाव पुस्तक बिक्रेताओं द्वारा दी गयी जानकारी के आधार पर किया जाता है एवं उस के पश्चात डायरेक्टर अंतिम निर्णय लेते हैं। पुस्तक मेले के लिये एन बी टी द्वारा अपनाये गये मानक को कसौटी माना जाता है। मूल्य तालिका को हर माह वेबसाइट पर जांचा परखा जाता है एवं उसे अपडेट किया जाता है। सभी बिक्री काउन्टरों पर अपडेटेड मूल्य तालिका उपलब्ध रहती है। प्रत्येक छः माही मूल्य तालिका की हार्ड कापी को अपडेट करके प्रकाशित किया जाता है। समाचार-पत्रों में विज्ञापन के तौर पर प्रकाशन हेतु विज्ञापन सम्बन्धित मैटर विभाग द्वारा तैय्यार किया जाता है एवं डायेरेक्टर की स्वीकृति के पश्चात डीलिंग आफीसर (बी.पी.) के पास भेज दिया जाता है। यह विज्ञापन का मैटर सूची में दर्ज समाचार-पत्रों को प्रकाशन की तिथि, रंग, आकार आदि के विस्तार के साथ सीधे तौर पर भेज दिया जाता है। ये समाचार-पत्र इन विज्ञापनों को प्रकाशित करते हैं एवं विज्ञापन की एक कापी को संलग्न करके अपना बिल भेज देते हैं। तत्श्चात राशि का भुगतान डीलिंग आफीसर द्वारा विधिवत किया जाता है।

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